Thursday 10 June 2010

नशे के सौदागर

कल रात एक नशे में धुत्त व्यक्ति को देखकर मेरी संवेदनाओ को बहुत आहत पहुंचा , चंद पंक्तिया पेश ऐ खिदमत हे , उम्मीद हे आपको अच्छी लगेगी , कृपया अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतार्थ करे

कौन हे जो गमो में जाम सजाता हे ,
कौन हे जो खुशियों को मयखाने ले जाता हे ,
आखिर उस भोले बच्चे ने आज पूछ ही लिया ,
माँ , बाबा को रोज कोई छोड़ने क्यों आता हे ,

Wednesday 9 June 2010

क्षणिका

आज बिस्तर पर पड़ी सिलवटो से पूछ लिया हमने ,
की वो कौन सा ख्वाब था जब हमने करवट बदली थी

Monday 7 June 2010

क्षणिका

लोगों ने ताजमहल बना दिए ,

किसी की याद में ,

और में तुमसे आगे,

और तुमसे ज्यादा,

सोच भी नहीं पाया