Tuesday 18 May 2010

वो कुछ देर इधर ठहरा होगा................

वो कुछ देर इधर ठहरा होगा ,

उसकी खुशबु यहाँ आज भी हे ,



चलो फिर खुशियों के गीत गुनगुनाये ,

सुर हे , साज हे , आवाज भी हे ,



आज कह दो दिल की बातें सारी ,

वक़्त हे , मौका हे , अल्फाज भी हे ,



हम शिकायत करे तो करे किससे ,

हमें जिसने लुटा उसके सर पर ताज भी हे


मेरा हबीब मुझसे नाराज हो गया ,

आज मालूम हुआ , उसका ऐसा एक अंदाज भी हे ,

2 comments:

  1. "हम शिकायत करे तो करे किससे ,
    हमें जिसने लुटा उसके सर पर ताज भी हे"
    सुंदर शब्दों और भावों को समेटे अच्छी प्रस्तुति - शुभकामनाएं

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