वो कुछ देर इधर ठहरा होगा ,
उसकी खुशबु यहाँ आज भी हे ,
चलो फिर खुशियों के गीत गुनगुनाये ,
सुर हे , साज हे , आवाज भी हे ,
आज कह दो दिल की बातें सारी ,
वक़्त हे , मौका हे , अल्फाज भी हे ,
हम शिकायत करे तो करे किससे ,
हमें जिसने लुटा उसके सर पर ताज भी हे
मेरा हबीब मुझसे नाराज हो गया ,
आज मालूम हुआ , उसका ऐसा एक अंदाज भी हे ,