Thursday 29 April 2010

चलिए आज फिर एक शुरुआत की जाए

चलिए आज फिर एक शुरुआत की जाए ,

किसी अनजान चेहरे से मुलाकात की जाए ,

उजालो से तो थक गए कहते कहते ,

आज अंधेरो से ही बात की जाए ,

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3 comments:

  1. आप शुरुआत तो करें साथ में हम भी नज़र आयेंगे .....गहरी बात कह दी आपने चंद पंक्तियों में

    http://athaah.blogspot.com/2010/05/blog-post_4890.html

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  2. awssmmsttt post ths one!! :) :)

    Deepika.

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  3. अति सुंदर

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